i belive in moral secular and simple life,my mission is defete comunalism nd creat a social,secular,devloped socaity.
Monday, December 27, 2010
Sunday, December 12, 2010
Saturday, December 11, 2010
Friday, December 3, 2010
Friday, November 19, 2010
Sunday, November 14, 2010
Saturday, November 6, 2010
Monday, November 1, 2010
Thursday, October 14, 2010
Tuesday, October 12, 2010
Saturday, October 9, 2010
Sunday, October 3, 2010
अयोध्या मुद्दे पर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
अयोध्या मुद्दे पर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आ गया,कोर्ट का यह फैसला कई मायने में अहम् है | विद्वान् न्यायधीशो के सूझ बूझ परक इस निर्णय से देश सही मायने में देश कि एकता एवं अखंडता की रक्षा हुई है | साथ ही इससे कुछ स्वार्थी तत्त्व जो कि इस मुद्दे ko अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते थे शश्त्र विहीन हो गए | और लड़ाई के मैदान में औधें मुंह गिरे | कोर्ट का फैसला पूरी तरह से तर्कसम्मत एवं तथ्यों पर आधारित है, तथा सभी को इसका सम्मान करना चाहिए.|
१५२८ में मस्जिद nirman के काफी पहले से अयोध्या में इसी विवादित हिस्से में भगवन राम कि पूजा अर्चना होने के प्रमाण सामने आये, साथ ही सीता रसोई और चबूतरे के होने का प्रमाण मिला | साथ ही एक बात और सामने aayee कि हिन्दू और मुसलमान एक ही ढांचे में अपनी २ पूजा करते थे,इससे एक बात तो इकदम साफ है कि उस समय में दोनों समुदायों में प्रेम भाव था | कालांतर में कुछ विशेष मानसिकता के लोगो द्वारा माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गयी तथा कुछ हद तक ये समाज विरोधी लोग सफल भी रहे ,लेकिन वर्तमान में भारतीय जनमानस इस प्रकार के लोगो को पसंद नहीं कर रही है | हालाँकि कुछ समाज विरोधी लोग अभी भी विभिन्न बयानों से माहौल को ख़राब करने की कोशिश कर रहे है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलने वाली ,एवं जनता ऐसे लोगों को भली प्रकार समझ चुकी है |
१५२८ में मस्जिद nirman के काफी पहले से अयोध्या में इसी विवादित हिस्से में भगवन राम कि पूजा अर्चना होने के प्रमाण सामने आये, साथ ही सीता रसोई और चबूतरे के होने का प्रमाण मिला | साथ ही एक बात और सामने aayee कि हिन्दू और मुसलमान एक ही ढांचे में अपनी २ पूजा करते थे,इससे एक बात तो इकदम साफ है कि उस समय में दोनों समुदायों में प्रेम भाव था | कालांतर में कुछ विशेष मानसिकता के लोगो द्वारा माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गयी तथा कुछ हद तक ये समाज विरोधी लोग सफल भी रहे ,लेकिन वर्तमान में भारतीय जनमानस इस प्रकार के लोगो को पसंद नहीं कर रही है | हालाँकि कुछ समाज विरोधी लोग अभी भी विभिन्न बयानों से माहौल को ख़राब करने की कोशिश कर रहे है लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलने वाली ,एवं जनता ऐसे लोगों को भली प्रकार समझ चुकी है |
Tuesday, September 28, 2010
अपील
आगामी ३० सितम्बर को आने वाले अल्लाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान हर नागरिक को करना चाहिए,यह एक न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा होगा | तथा यदि किसी समुदाय विशेष को इस फैसले से आपत्तिय होगी तो वो इसी प्रक्रिया के अनतर्गत उच्चतर न्यायालयों में जा सकेगा.| सारे देशवासियों से यह अपील है कि आगामी ३० सितम्बर को आने वाले फैसले का सम्मान करे एवं यदि कोई विसंगति समझ आती है तो हायर कोर्ट में अपील करे | किसी भी कीमत पर भारत कि एकता और अखंडता बनाये रखे.|
Sunday, September 19, 2010
सरकार की उदासीनता अधिकारियो कि निरंकुशता में सहयोग कर रही है
उत्तर प्रदेश कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, आये दिन प्रदेश में लूट खशूट,हत्या,rape हो रहे है |
अपराधियों का हौसला बुलंद है,प्रशाशनिक व्यवस्था तार tar हो kar rah गई है| bhrastachar पूरी तरह हावी है| शायद ही ऐसा कोई विभाग बचा हो जहा स्थिति samanya ho | neeche se upar tak sab paisa kamane me lage hai,janta ki sudh lene wala koi nahi hai,khule रूप से हर विभाग मनमाना कर रहे है चाहे वो बिजली विभाग हो नगर निकाय हो,प्रसाशनिक अमला हो, हो या ढेर सारे दुसरे अन्य | सरकार की उदासीनता अधिकारियो कि निरंकुशता में सहयोग कर रही है| हर जगह दलाल लगे है सारा काम वो कराने में सक्षम है | इस समय कि स्थिति कमोवेश यह बन गयी है कि गुंडे माफिया लोग अपने तरह से प्रशाशन को चला रहे hai | केंद्र सरकार की कई mahattwakanchhi योजनाये प्रदेश शाशन व्यवस्था की भेट चढ़ गई. उनमे से "मिड दे मील","मनरेगा",ग्रामीण विद्युतीकरण",स्मार्ट कार्ड,सर्व सिक्षा योजना,प्रधान मंत्री सड़क निर्माण योजना आदि | बावजूद इसके अभी तक न प्रदेश का प्रशाशनिक अमला जगा और न ही मुख्यमंत्री | यह कहते हुए बिलकुल संकोच नहीं होता कि वर्तमान शाशन व्यवस्था अब तक कि सबसे bhrasth शाशन व्यवस्था है |
अपराधियों का हौसला बुलंद है,प्रशाशनिक व्यवस्था तार tar हो kar rah गई है| bhrastachar पूरी तरह हावी है| शायद ही ऐसा कोई विभाग बचा हो जहा स्थिति samanya ho | neeche se upar tak sab paisa kamane me lage hai,janta ki sudh lene wala koi nahi hai,khule रूप से हर विभाग मनमाना कर रहे है चाहे वो बिजली विभाग हो नगर निकाय हो,प्रसाशनिक अमला हो, हो या ढेर सारे दुसरे अन्य | सरकार की उदासीनता अधिकारियो कि निरंकुशता में सहयोग कर रही है| हर जगह दलाल लगे है सारा काम वो कराने में सक्षम है | इस समय कि स्थिति कमोवेश यह बन गयी है कि गुंडे माफिया लोग अपने तरह से प्रशाशन को चला रहे hai | केंद्र सरकार की कई mahattwakanchhi योजनाये प्रदेश शाशन व्यवस्था की भेट चढ़ गई. उनमे से "मिड दे मील","मनरेगा",ग्रामीण विद्युतीकरण",स्मार्ट कार्ड,सर्व सिक्षा योजना,प्रधान मंत्री सड़क निर्माण योजना आदि | बावजूद इसके अभी तक न प्रदेश का प्रशाशनिक अमला जगा और न ही मुख्यमंत्री | यह कहते हुए बिलकुल संकोच नहीं होता कि वर्तमान शाशन व्यवस्था अब तक कि सबसे bhrasth शाशन व्यवस्था है |
Sunday, September 12, 2010
Saturday, September 11, 2010
Friday, September 10, 2010
Thursday, September 9, 2010
Tuesday, September 7, 2010
Monday, September 6, 2010
Saturday, September 4, 2010
Friday, September 3, 2010
Friday, August 27, 2010
.यूपी ke राजनितिक दल और कांग्रेस कि चुनौती
"उत्तर प्रदेश के राजनैतिक दल और कांग्रेस के सम्मुख चुनौती" से अभिप्राय यह है कि है कि यूपी के सभी राजनैतिक दलों को प्रदेश में कांग्रेस की jabarjast वापसी अखर रही है| कांग्रेस का जनाधार मई २००८ के चुनावो के बाद से ही समझ आने लगा था.अल्पसंख्यको,व्यापारियों एवं समाज के गरीबो में "कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ",आदि नारे बेहद लोकप्रिय हुए | जनता को लगा कि वास्तव में कांग्रेस ही देश के विकास में समर्थ है,नतीजतन जनता ने प्रदेश में २५ से ज्यादा सीटे jita कर यह सन्देश दे दिया कि २०१२ में कांग्रेस पार्टी हर राजनैतिक दल के सामने प्रमुख चुनौती के रूप में सामने होगी|
कमोवेश राज्य कि स्थति यह है कि मायावती का शाशन मूर्तियों,गंगा-यमुना एक्सप्रेस वे तक ही सिमट कर रह गया है,कुछ नया करने का मन करता है तो कुछ अधिकारियो के स्थानांतरण कर दिए जाते है और ये मान लिया जाता है कि जनता में अमन चैन है,इतना जरुर है कि कई बार के अपने शाशन काल में मैडम माया ने माया खूब जमकर बटोरा ,और अपनी हठधर्मिता का परिचय बखूबी दिया|murtiyo आदि पर करोडो करोड़ खर्च कर दिए और,aur vipakchiyo कि एक nahi सुनी,मायावती ने जातिवाद को जमकर बढाया.इन्होने खुल कर ब्राम्हण भाईचारा,मुस्लिम भाईचारा कमेटिया बनाई,जिस मनुवादी वर्णाश्रम का ये विरोध करती है वही कार्य स्वयं कर रही है ,मनु ने कर्म के अनुसार जाति का विभाजन किया था,मायावती जी ने जन्म के हिसाब से कर डाला.|
समाजवादी पार्टी कि स्थिति यह है कि यह मुद्दा विहीन हो गई है,समाज के कुछ वर्गों खास तौर पर म+य समीकरण के दम पर कुछदिनो तक इन्होने भी राजनितिक रोटिया सेंकी लेकिन जनता ने इनको भी नकार दिया.थोडा बड़ा दमखम जो bacha था उसको अमर सिंह अपने साथ लेकर चले gaye ,भाररतीय जनता पार्टी के नेताओ में आपस में ही इतना कंफ्यूजन है कि पार्टी का विज़न ही खतरे में पड़ गया है.कुछ राम मंदिर मुद्दे के sath है तो बाकि इससे बचते दिख रहे है.|अब कांग्रेस के सामने यह चुनती है कि न केवल २०१२ के चुनावो में पार्टी अच्छा प्रदर्शन kare बल्कि यूपी में सरकार भी बनाये और vikas को गति दे.|
कमोवेश राज्य कि स्थति यह है कि मायावती का शाशन मूर्तियों,गंगा-यमुना एक्सप्रेस वे तक ही सिमट कर रह गया है,कुछ नया करने का मन करता है तो कुछ अधिकारियो के स्थानांतरण कर दिए जाते है और ये मान लिया जाता है कि जनता में अमन चैन है,इतना जरुर है कि कई बार के अपने शाशन काल में मैडम माया ने माया खूब जमकर बटोरा ,और अपनी हठधर्मिता का परिचय बखूबी दिया|murtiyo आदि पर करोडो करोड़ खर्च कर दिए और,aur vipakchiyo कि एक nahi सुनी,मायावती ने जातिवाद को जमकर बढाया.इन्होने खुल कर ब्राम्हण भाईचारा,मुस्लिम भाईचारा कमेटिया बनाई,जिस मनुवादी वर्णाश्रम का ये विरोध करती है वही कार्य स्वयं कर रही है ,मनु ने कर्म के अनुसार जाति का विभाजन किया था,मायावती जी ने जन्म के हिसाब से कर डाला.|
समाजवादी पार्टी कि स्थिति यह है कि यह मुद्दा विहीन हो गई है,समाज के कुछ वर्गों खास तौर पर म+य समीकरण के दम पर कुछदिनो तक इन्होने भी राजनितिक रोटिया सेंकी लेकिन जनता ने इनको भी नकार दिया.थोडा बड़ा दमखम जो bacha था उसको अमर सिंह अपने साथ लेकर चले gaye ,भाररतीय जनता पार्टी के नेताओ में आपस में ही इतना कंफ्यूजन है कि पार्टी का विज़न ही खतरे में पड़ गया है.कुछ राम मंदिर मुद्दे के sath है तो बाकि इससे बचते दिख रहे है.|अब कांग्रेस के सामने यह चुनती है कि न केवल २०१२ के चुनावो में पार्टी अच्छा प्रदर्शन kare बल्कि यूपी में सरकार भी बनाये और vikas को गति दे.|
Sunday, August 22, 2010
उत्तरप्रदेश की राजनीति में बढ़ता जातिवाद
उत्तरप्रदेश की राजनीति में बढ़ता जातिवाद समाज में जहर घोलने का काम कर रहा है.१९८९ के बाद उत्तरप्रदेश की राजनीति में जातिवादी सोच बढ़ी | जनतादल,बहुजनसमाज पार्टी,समाजवादी पार्टी जो की तथाकथित समाजवाद की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध थी.आदि ने समाज में जातिवाद का जहर घोलने का प्रयास किया.नतीजतन आज के परिवेश में जातिवाद जन जन में हावी है| राजनीति में अगर जातिवाद हावी होता है तो विकास आदि के मुद्दे गौड़ हो जाते है.जनता को समझना होगा की उसे कुत्सित जातिवादी समाज चाहिए या विकसित प्रदेश जिसमे अमन चैन हो,फैसला जनता पर है,और यह उम्मीद है की उप्रोक्क्त को जनता समझेगी |
Friday, August 20, 2010
भारतरत्न स्व श्री राजीव जी

आज का दिन हर भारतीय के लिए अविस्मर्णीय है.आज ही के दिन भारत के महान सपूत एवं भारतरत्न स्व श्री राजीव जी का जन्म हुआ था| किसी भी कांग्रेसी के लिए आज का दिन अत्त्याधिक महत्वपूर्ण है|जिन रास्तो पर देश चल कर प्रगति कर रहा है ,वह श्री राजीव जी की ही देन है.पंचायती राज व्यवस्था,ग्रामीण विद्युतीकरण,संचार क्रांति,कम्प्यूटरीकरण आदि के लिए उनके समय में किये गए सार्थक शुरुआत की ही वजह से आज भारत विकाशशील देशो की श्रेणी में सबसे आगे खड़ा है.
राजीव गाँधी जी की धर्मनिरपेछ छवि एवम मानवीय मूल्यों के प्रति सजगता आने वाली पीढियों के अनुकर्णीय है| लोगो को खास तौर पर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगो को मानवीय मूल्यों का पूरा ध्यान रखते हुए कार्य करना चाहिए|
Saturday, August 14, 2010
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मेजा मांडा छेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए.कुछ कार्यक्रम allahabad शहर में भी थे.सारे में भाग लेने के बाद बड़ा सुकून मिला, स्वतंत्रता दिवस कांग्रेसियों के द्वारा किये गए भागीरथ प्रयास का ही परिडाम है.देशवासिओ में इस पर्व के प्रति उत्त्साह देख कर मन प्रफुल्लित हो उठता है,गाँधी,नेहरु,आदि को उनके सिद्धांतो को स्मरण कराने का सुअवसर है.
Thursday, August 12, 2010
new maggage
समाचार पत्र की खबर पढने के बाद मैंने अपने दिन की शुरुआत की सुबह १० बजे में मेजा के लिए निकल गया.१२.३० पर मेजा पंहुचा उसके बाद ढेर सare लोग जिसमे कुछ पंचायत चुनाव के प्रत्याशी भी थे, आ के मिले और अपने स्थितियों से अवगत कराया .कई जगहों पर तो हालत यह है की भाई भाई में भी मतभेद दिखा ,शायद यही लोकतंत्र की विडंबना है कोई निति और siddhant नहीं सबको पंचायत चुनावो में अपनी जीत सुनिश्चित लग रही है.
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